पूर्व CM भूपेश बघेल और उनके बेटे की याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, हाईकोर्ट जाने की दी सलाह

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। यह याचिका CBI और ED की जांच की शक्तियों और उनके अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने के संबंध में थी।
सुप्रीम कोर्ट की दो टूक— हाईकोर्ट का रास्ता अपनाएं
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से साफ शब्दों में कहा कि उन्हें पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि इस मामले पर त्वरित कार्रवाई की जाए। इस फैसले के बाद अब भूपेश बघेल और चैतन्य बघेल को अपनी याचिका लेकर हाईकोर्ट में जाना होगा।
सियासी बयानबाज़ी तेज, स्वास्थ्य मंत्री का तंज
इस मुद्दे पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा: “चोर की दाढ़ी में तिनका” वाली कहावत इस मामले में चरितार्थ हो रही है। अगर कुछ गड़बड़ नहीं किया है तो सुप्रीम कोर्ट भागने की ज़रूरत ही क्यों?”
उन्होंने आगे कहा कि CBI और ED जैसी जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही हैं और उनकी कार्रवाई सबूतों के आधार पर होती है। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे मामला कवासी लखमा से जुड़ा हो या किसी अधिकारी से, राज्य सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है।