Asaduddin Owaisi on Waqf Bill: वक्फ कानून को लेकर बोले असदुद्दीन ओवैसी – “ये घर की बात है, लेकिन देश की बात आएगी तो हम सब एक हैं”

Asaduddin Owaisi on Waqf Bill

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नई दिल्ली। वक्फ कानून को लेकर देश में चल रही बहस के बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वक्फ का मामला हमारे घर की बात है, लेकिन जब बात देश की एकता और अखंडता की आती है तो हम सब एकजुट हैं। ओवैसी ने यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट में 20 मई को होने वाली वक्फ कानून से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई से ठीक पहले की है।

“अब पाकिस्तान ने भी बना लिया मुझे दूल्हा भाई”

ओवैसी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “अब तक तो मुझे संघ परिवार गालियां देता था, लेकिन अब तो पाकिस्तान ने भी मुझे दूल्हा भाई बना लिया है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वक्फ हमारा अंदरूनी मामला है, इसमें बाहरी ताकतों की कोई जरूरत नहीं है।”

उन्होंने कहा, “जब कोई सरकार हमारे हक और संविधान के खिलाफ बोलती है, तब हम जरूर आवाज उठाएंगे। लेकिन जब बात देश की अखंडता की आती है, तो हम पीएम मोदी या अमित शाह के लिए नहीं, बल्कि इस देश के लिए खड़े होते हैं। हम कल भी देश के साथ थे, आज भी हैं और भविष्य में भी रहेंगे।”

“वक्फ संशोधन कानून असंवैधानिक है”

असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन कानून को संविधान के खिलाफ बताया और आरोप लगाया कि यह कानून वक्फ संपत्तियों को समाप्त करने के इरादे से लाया गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद जताई है।

ओवैसी ने सवाल उठाया, “जब देश में अलग-अलग मुद्दों के लिए कई कानून हैं, तो फिर समान नागरिक संहिता (UCC) को ‘समान’ कैसे कहा जा सकता है? ये संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।”

“नए कानून में कौन सी धाराएं बेहतर हैं?”

ओवैसी ने भाजपा और वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करने वालों को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “मुझे सिर्फ एक प्रावधान बता दीजिए जिससे वक्फ की संपत्ति सुरक्षित हो। एक प्रावधान बता दीजिए जिससे वक्फ की आय में बढ़ोतरी होगी, और एक ऐसा प्रावधान जिससे अतिक्रमण हटाया जा सकेगा।”

उन्होंने कहा कि नए कानून में पहले के अच्छे प्रावधानों को हटा दिया गया है, और सरकार के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि नया कानून किस तरह से प्रगतिशील है।

“आजादी की लड़ाई में सबसे पहले जान देने वाले उलेमा थे”

ओवैसी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि आजादी की लड़ाई में सबसे पहले बलिदान देने वाले उलेमा थे। उन्होंने कहा, “आज वही उलेमा आपसे अपील कर रहे हैं कि यह कानून सही नहीं है। अगर सरकार वास्तव में देशहित में काम कर रही है तो उसे वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, पारदर्शिता और आय बढ़ाने की व्यवस्था करनी चाहिए, न कि उसे कमजोर करने वाला कानून लाना चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट में अब सभी की निगाहें

अब जब सुप्रीम कोर्ट में 20 मई को इस मामले की सुनवाई होनी है, तो सभी की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं। उधर ओवैसी जैसे नेता इस मुद्दे को सिर्फ कानूनी ही नहीं, बल्कि सांविधानिक अधिकारों और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति से जुड़ा मसला मान रहे हैं। ऐसे में वक्फ कानून को लेकर आने वाले दिनों में सियासत और तेज हो सकती है।

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