पूर्व सीएम अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर सद्भावना रैली, अमित जोगी ने मूर्ति विवाद पर प्रशासन को दिया अल्टीमेटम

गौरेला-पेंड्रा। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की पुण्यतिथि पर मंगलवार को उनके पुत्र अमित जोगी ने सद्भावना रैली निकाली। यह रैली गौरेला स्थित जोगी निवास से शुरू होकर उनके समाधि स्थल तक पहुंची। इस मौके पर अजीत जोगी की मूर्ति को हटाए जाने को लेकर एक बार फिर राजनीतिक गर्मी देखने को मिली। अमित जोगी ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए 7 दिन और 30 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
मूर्ति हटाने पर नाराज़गी, मूर्ति वापसी की मांग
रैली के समापन पर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अमित जोगी ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि स्व. अजीत जोगी की मूर्ति जहां पहले लगाई गई थी, उसे उसी स्थान पर सम्मानपूर्वक पुनः स्थापित किया जाए। इस संबंध में उन्होंने प्रशासन को 30 दिन का समय दिया है।
वहीं, मूर्ति हटाने के पीछे जिन लोगों की संलिप्तता मानी जा रही है, उनकी गिरफ्तारी के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। अमित जोगी का कहना है कि नगरपालिका गौरेला में लगे CCTV कैमरों में आरोपियों को मूर्ति को स्थानांतरित करते हुए देखा जा सकता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कोई सामान्य घटना नहीं, बल्कि एक साजिश है।
“अगर मूर्ति नहीं लगी तो होगा उग्र आंदोलन” – अमित जोगी
ज्ञापन सौंपने के दौरान अमित जोगी ने कहा,
“हम आज शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन और प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अगर समय रहते प्रशासन ने मूर्ति को उसी स्थान पर नहीं लगाया, तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। यह केवल मूर्ति की बात नहीं है, बल्कि यह हमारे आदर्श और सम्मान की रक्षा का मामला है।”
परिवार और समर्थकों की मौजूदगी
इस रैली में अमित जोगी के साथ उनकी मां व पूर्व विधायक रेणु जोगी, पत्नी ऋचा जोगी, जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता और भारी संख्या में समर्थक शामिल हुए। सभी ने हाथों में बैनर लेकर नारेबाजी की और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाई।
समर्थकों का कहना था कि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता और पहले मुख्यमंत्री थे, उनकी मूर्ति का अपमान पूरे राज्य के गौरव का अपमान है।
चाक-चौबंद रही प्रशासनिक व्यवस्था
रैली और प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी थी। गौरेला जोगी निवास से कलेक्टर कार्यालय तक कई जगहों पर बेरिकेडिंग की गई। SDM पेंड्रारोड ऋचा चंद्रकार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल, और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और कार्यक्रम शांति पूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
मूर्ति विवाद ने पकड़ा राजनीतिक मोड़
अजीत जोगी की मूर्ति हटाने का मामला अब एक राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। एक ओर जोगी कांग्रेस इसे पूर्व मुख्यमंत्री की राजनीतिक विरासत का अपमान बता रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन अभी तक मामले पर स्पष्ट जवाब देने से बच रहा है।