GST Raid: जीएसटी छापे के खिलाफ अंबिकापुर के व्यापारी सड़क पर, ‘हम चोर नहीं’ के नारों से गूंजा शहर

GST Raid: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में रविवार को जीएसटी विभाग की लगातार छापेमारी कार्रवाई के विरोध में व्यापारी संघ सड़क पर उतर आया। व्यापारी संघ के आह्वान पर किए गए नगर बंद का व्यापक असर देखा गया, जहां अधिकांश दुकानें बंद रहीं और व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप रहीं।

अवैध वसूली और उत्पीड़न का आरोप

व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी विभाग के अधिकारी लगातार अवैध वसूली कर रहे हैं और छोटे व्यापारियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। इसी के विरोध में व्यापारियों ने शहर में एक विशाल रैली निकाली। रैली के दौरान व्यापारी “जीएसटी अधिकारी होश में आओ, होश में आओ” जैसे नारों के साथ सड़कों पर उतरे, जो अधिकारियों के खिलाफ उनके गुस्से को साफ दर्शाता है।

“हम चोर नहीं, टैक्स देने में सक्षम हैं”

व्यापारी संघ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पिछले एक साल में अंबिकापुर में जीएसटी चोरी की शिकायतों पर विभाग ने दर्जनों छापेमारी की हैं, जिनमें से कई को वे गैर-वाजिब मानते हैं। संघ ने स्पष्ट किया कि उन्हें विभाग की कार्रवाई से आपत्ति नहीं है, बशर्ते वह निष्पक्ष और उचित हो।

व्यापारियों ने आरोप लगाया कि जिनकी सालाना आर्थिक क्षमता 50 लाख रुपये भी नहीं है, उन्हें 1 करोड़ रुपये तक का टैक्स थमा दिया जा रहा है। संघ ने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे में व्यापारी मानसिक रूप से टूट जाते हैं और आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं, जिससे उनके परिवारों के सामने भूखे मरने की नौबत आ सकती है।

संघ ने कहा, “हम व्यापारी चोर नहीं हैं। हम टैक्स देने में सक्षम हैं और भुगतान भी कर रहे हैं। हमारा सरकार से बस इतना ही अनुरोध है कि वह सख्ती की बजाय संवेदनशीलता से स्थिति को समझे। ऐसी जबरदस्ती वाली कार्रवाइयां न की जाएं, जो हमें अपने ही किसी व्यापारी साथी को खोने के कगार पर ला दें।”

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

विरोध प्रदर्शन के बाद अंबिकापुर के व्यापारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम से तहसीलदार उमेश सिंह बाज को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि जीएसटी विभाग की छापामार कार्रवाई पर तुरंत रोक लगाई जाए और व्यापारियों को बेवजह परेशान करना बंद किया जाए।

इस प्रदर्शन से जीएसटी विभाग और व्यापारियों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत मिलता है, और अब देखना होगा कि सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है।

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