अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना पर बवाल: भाजपा ने अमित और रेणु जोगी के खिलाफ की शिकायत

छत्तीसगढ़ के गौरेला में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना को लेकर राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने गौरेला थाने में अमित जोगी, रेणु जोगी, अजय जायसवाल और आयुष सोनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नगर पालिका के प्रस्ताव के विपरीत उस स्थान पर अजीत जोगी की प्रतिमा लगाई जा रही है, जहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा स्थापित की जानी थी। भाजपा का कहना है कि यह कार्रवाई क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने वाली है और इसका राजनीतिक मकसद है।
पुलिस ने जांच शुरू की
शिकायत मिलने के बाद गौरेला पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी ने आरोप लगाया है कि उनके पिता की प्रतिमा से जुड़े मामले में पूर्व में हुई चोरी की घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन को 7 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
इस विवाद पर कोटा की पूर्व विधायक रेणु जोगी का कहना है कि प्रतिमा शासकीय प्रक्रिया के तहत निजी भूमि पर स्थापित की जा रही है और इसकी जानकारी कलेक्टर को पहले ही दी जा चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्य पूरी तरह वैधानिक है और अजीत जोगी की प्रतिमा जल्द ही सम्मानपूर्वक स्थापित की जाएगी।
भाजपा का विरोध और जोगी परिवार का पलटवार
विवाद के केंद्र में जिस स्थान की जमीन है, उस पर जोगी परिवार ने स्वामित्व का दावा किया है। उन्होंने भाजपा द्वारा दिए गए आवेदन को गैरकानूनी बताया है।
इस संबंध में सोमवार 2 जून को रेणु जोगी और अमित जोगी ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात की और प्रस्तावित स्थल को लेकर अपनी आपत्तियाँ दर्ज कराईं। यह मुलाकात लगभग आधे घंटे तक चली, जिसमें जोगी परिवार ने स्पष्ट किया कि वे कानूनी और वैधानिक प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन और पुलिस इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर उठे इस बवाल का कोई शांतिपूर्ण हल निकल पाता है या नहीं।