30 साल बाद आलू-प्याज की मांग में भारी गिरावट, दाम जमीन पर

रायपुर: देश में जहां एक ओर महंगाई कई जरूरी वस्तुओं को आम जनता की पहुंच से बाहर कर रही है, वहीं दूसरी ओर आलू, प्याज और लहसुन जैसी रोजमर्रा की सब्जियों के दाम 30 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस तरह की मंदी का दौर उन्होंने तीन दशकों में पहली बार देखा है।
थोक में आलू 14 रुपए, प्याज 8 रुपए किलो तक
फिलहाल बाजार में आलू की थोक कीमत 12 से 14 रुपए प्रति किलो चल रही है, जबकि खुदरा बाजारों में यह 20 से 25 रुपए तक बिक रहा है। वहीं प्याज की थोक दरें 8 से 16 रुपए प्रति किलो हैं, और खुदरा बाजार में यह 20 से 25 रुपए के बीच बिक रहा है। कुछ स्थानों पर कम गुणवत्ता वाला प्याज मात्र 15 रुपए किलो में भी उपलब्ध है।
60% तक घट गई डिमांड
सबसे अहम बात यह है कि आलू और प्याज की मांग में 60 फीसदी तक की भारी गिरावट आई है। राजधानी की मंडियों में जहां पहले रोजाना 25 ट्रक आलू और 30–35 ट्रक प्याज आता था, अब यह घटकर क्रमशः 8–10 और 20 ट्रकों तक सीमित रह गया है। प्रदेश की अन्य मंडियों में भी ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है।
बीते साल महंगे, इस बार सस्ते
बीते वर्ष इन दोनों सब्जियों ने उपभोक्ताओं को रुला दिया था। बंगाल से आलू की सप्लाई पर ममता बनर्जी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के चलते आलू की कीमतें 50 रुपए किलो तक पहुंच गई थीं। वहीं प्याज ने भी 80 रुपए किलो तक के भाव देखे थे। मगर इस साल नई फसल आने और बाजार में मांग घटने के कारण दाम तेजी से गिर गए हैं।
व्यापारियों की चिंता, ग्राहकों को राहत
भनपुरी आलू-प्याज थोक व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल के अनुसार, ऐसी मंदी 30 साल बाद देखी जा रही है। उनका कहना है कि इससे पहले कभी भी आलू और प्याज की मांग इतनी कम नहीं हुई थी। जहां ग्राहक कम दामों से राहत महसूस कर रहे हैं, वहीं किसान और व्यापारी नुकसान से चिंतित हैं।