नक्सल प्रभावित गांव की महिला को मिला पक्का मकान! CM को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद

बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र उसूर ब्लॉक के करेगुट्टा पहाड़ की तलहटी में बसे छोटे से गांव उसूर की रहने वाली 62 वर्षीय शम्मी दुर्गम की वर्षों पुरानी आस आखिरकार 15 मई को पूरी हुई। सुशासन तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने पक्के मकान की चाबी सौंपी। इस पल ने न सिर्फ शम्मी की आंखों को नम कर दिया, बल्कि उनकी ज़िंदगी में स्थायी छत और सम्मान का एहसास भी जोड़ दिया।

भावुक शम्मी दुर्गम ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हुए स्नेह से उनके गाल छुए और कहा, “अब मेरे बच्चों के सिर पर एक मजबूत छत है, अब चैन से जी सकूंगी।” उन्होंने बताया कि कच्चे मकान में जीवन बेहद कठिन था – बरसात, सर्दी या गर्मी, हर मौसम में कीड़े-मकोड़ों और जहरीले जीवों का डर बना रहता था।

संघर्ष की कहानी, सम्मान की छत
शम्मी ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 15 साल पहले बीमारी के कारण हो गई थी। तब से उन्होंने अकेले ही दो बच्चों की परवरिश की और खेती-बाड़ी कर किसी तरह जीवन चलाया। आज जब उन्हें पक्का मकान मिला है, तो यह उनके लिए केवल एक घर नहीं, बल्कि जीवनभर की तपस्या का फल है।

उनके शब्दों में – “ये मकान सिर्फ ईंट, गारा और छत नहीं है, ये मेरे संघर्षों की कहानी, आत्मसम्मान का प्रतीक और एक सुरक्षित भविष्य की नींव है।”

सरकारी योजनाएं जब ज़रूरतमंदों तक पहुँचें
शम्मी दुर्गम की कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब सरकारी योजनाएं सही हाथों तक पहुँचती हैं, तो वे केवल इमारतें नहीं बनातीं, बल्कि उम्मीद और भरोसे का घर खड़ा करती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से अब दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में भी गरिमा और स्थायित्व का सपना साकार हो रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का हर गरीब परिवार एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सके। और शम्मी दुर्गम जैसे नागरिक इसके जीवंत उदाहरण हैं।

Youthwings