सीजफायर पर ट्रंप की घोषणा को भूपेश बघेल ने बताया अपमानजनक, बोले– संसद का विशेष सत्र बुलाए सरकार

रायपुर। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) की घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कदम को भारत की संप्रभुता के लिए “अपमानजनक” करार देते हुए सवाल उठाया कि ऐसी परिस्थितियां आखिर बनी ही कैसे, जिसमें तीसरा देश पंच की भूमिका में आ गया।

भूपेश बघेल ने कहा कि अगर भारत या पाकिस्तान में से किसी एक देश की सरकार खुद यह घोषणा करती तो बात अलग होती, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का ऐसा निर्देश देना भारत के लिए अपमानजनक है। उन्होंने 1971 का उदाहरण देते हुए कहा, “तब इंदिरा गांधी ने साफ कहा था कि किसी तीसरे देश को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। आज ट्रंप मध्यस्थ नहीं, पंच बन गए हैं।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि देश यह जान सके कि ऐसे हालात कैसे बने। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार के किसी निर्णय का विरोध नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “युद्ध नहीं होना चाहिए, हम सरकार के साथ हैं, लेकिन जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।”

STF और बांग्लादेशी घुसपैठियों पर तंज

छत्तीसगढ़ में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए गठित एसटीएफ (STF) पर भूपेश बघेल ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “अभी कुछ महीने पहले अभियान चला था, कितनों को पकड़ा गया? कितनों की पहचान हुई? पुलिस अधिकारी रात-रात भर घर-घर गए, उसका क्या हुआ?” उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों की बात शुरू हो जाती है और अब चूंकि बंगाल में चुनाव आने वाले हैं, तो यह मुद्दा फिर से उछाला जा रहा है।

पीएम आवास योजना पर भी हमला

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा की चुनौती को भूपेश बघेल ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि “चर्चा करनी है तो मंच, स्थान और समय तय कर लें, मैं आ जाऊंगा। कांग्रेस हमेशा जवाब देने को तैयार है।”

बघेल ने आरोप लगाया कि पहले पीएम आवास के लिए 1 लाख 30 हजार रुपए की राशि दी जाती थी, जिसे अब घटाकर 1 लाख 20 हजार कर दिया गया है। उन्होंने विधानसभा में यह मांग भी रखी कि यह राशि बढ़ाकर ढाई लाख की जाए।

 

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