मुंबई-हावड़ा हाईवे पर 2 किलोमीटर लंबा जाम, जलभराव से परेशान कॉलोनीवासियों ने किया चक्काजाम

रायपुर। राजधानी रायपुर में बारिश से परेशान लोगों का गुस्सा अब सड़कों पर नजर आने लगा है। जलभराव की समस्या से जूझ रहे स्थानीय लोगों ने मुंबई-हावड़ा हाईवे पर सोमवार सुबह चक्काजाम कर दिया। इस प्रदर्शन के कारण करीब 2 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब तक जाम लग चुका था, तब तक जिला प्रशासन को इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी। वहीं, ट्रैफिक पुलिस के कुछ जवान मौके पर पहुंचे जरूर, लेकिन हालात संभालने में फिलहाल वे भी असमर्थ नजर आ रहे हैं।

काली माता मंदिर के पास सड़क पर बैठे लोग

चक्काजाम की शुरुआत काली माता मंदिर के पास हुई, जहां प्रोफेसर कॉलोनी सेक्टर-3 के लोग अपने परिवारों के साथ सड़क पर धरने पर बैठ गए। धीरे-धीरे वाहनों की लंबी कतारें लगती गईं और दोनों तरफ से आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई। हाईवे पर लगे जाम से न सिर्फ स्थानीय वाहन चालकों को परेशानी हुई बल्कि हाईवे पर गुजरने वाले दूर-दराज के यात्री भी फंस गए।

प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि लगातार शिकायतों के बाद भी प्रशासन ने उनकी समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। मजबूरी में उन्हें सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा है।

बरसात में डूब जाती है कॉलोनी

प्रोफेसर कॉलोनी सेक्टर-3, गली नंबर 4 के रहवासियों के मुताबिक, हल्की बारिश होते ही उनकी गलियों में पानी भर जाता है। नाली जाम हो जाती है और पूरा इलाका कीचड़ में तब्दील हो जाता है। लोगों ने बताया कि तकनीकी रूप से नाले का निर्माण गलत किया गया है, जिससे बारिश का पानी निकासी नहीं हो पाता। बारिश का पानी घरों में घुस जाता है और रहवासियों का जीवन दूभर हो जाता है।

अन्य इलाकों में भी वही हाल

केवल प्रोफेसर कॉलोनी ही नहीं, बल्कि वामनराव लाखे वार्ड और मौलाना अब्दुल रऊफ वार्ड के अंतर्गत आने वाली निचली बस्तियों में भी जलभराव की गंभीर समस्या सामने आ रही है। समता कॉलोनी में बनाए गए नाले की हालत भी खराब बताई जा रही है। वहां भी बारिश का पानी बहाव के बजाय जमा हो रहा है, जिससे गंदगी फैल रही है और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

प्रशासन बेखबर, जनता परेशान

चक्काजाम की सूचना मिलते ही कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति की जानकारी दी। लेकिन तब तक हाईवे पर जाम का दायरा काफी बढ़ चुका था। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इस पूरे मामले की भनक जिला प्रशासन को तक नहीं थी। लोगों का कहना है कि जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए, तब तक प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगती।

प्रशासन से उठ रहे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार पार्षद और निगम के अधिकारियों से जलभराव की समस्या को लेकर शिकायत की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। अब जब घरों में पानी भरने लगा है और बच्चों व बुजुर्गों की सेहत खतरे में है, तो मजबूरी में उन्हें सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ा है।

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