50 ग्राम बारूद, देशी बंदूक और विस्फोटक : नक्सली डंप से बरामद हुआ सामान

गरियाबंद। नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सली संगठन बैकफुट पर आते जा रहे हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ से सटे ओडिशा के नुआपड़ा जिले के जंगलों में चलाए गए संयुक्त ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। 25 जुलाई को शुरू किए गए इस एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों ने नुआपड़ा जिले के बोडेन थाना क्षेत्र के काटफाड़ और छातापानी जंगलों में सर्चिंग के दौरान नक्सलियों का बड़ा डंप बरामद किया है। डंप से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और दैनिक उपयोग की सामग्रियां जब्त की गई हैं। इस ऑपरेशन की पुष्टि नुआपड़ा एसपी जी.आर. राघवेंद्र ने की है।

खुफिया इनपुट के आधार पर चली कार्रवाई

यह संयुक्त अभियान डिस्ट्रिक्ट वोलंटियरी फोर्स (DVF) नुआपड़ा और सीआरपीएफ की डी/19 बटालियन (गर्जनपानी कंपनी ऑपरेटिंग बेस) ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर अंजाम दिया। जंगलों में एरिया डॉमिनेशन और तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों को एक ऐसा डंप मिला, जिसमें नक्सलियों द्वारा उपयोग की जाने वाली खतरनाक सामग्री छुपा कर रखी गई थी।

जब्त किए गए हथियार और विस्फोटक

सुरक्षाबलों को डंप से एक देशी बंदूक, 24 राउंड गोली, 10 जिलेटिन स्टिक, 3 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और लगभग 50 ग्राम गन पाउडर बरामद हुआ है। इसके अलावा 2 सोलर प्लेट, मोबाइल चार्जर, वॉकी-टॉकी चार्जर, हेयर ट्रिमर, वायर कटर, इलेक्ट्रिक टेस्टर, 6 वोल्ट की बैटरी, वोल्ट मीटर और दो बंडल इलेक्ट्रिक वायर भी पाए गए हैं। ये सभी सामग्रियां नक्सलियों द्वारा विस्फोटक तैयार करने और संचार साधनों के रूप में उपयोग में लाई जाती हैं।

दैनिक उपयोग की सामग्रियां भी बरामद

जवानों को डंप से कई घरेलू और व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं भी मिलीं, जिनमें तीन छतरियां, एक प्लास्टिक वॉटर जार, एक जोड़ी चप्पल, कैंची, चाकू, घड़ी, दो नेल कटर, एक इन्वर्टर चार्जर बॉक्स, छह पेंसिल बैटरियां, दो ब्लैक और दो व्हाइट इंसुलेशन टेप, एक ब्लूटूथ हेडफोन, एक गुलेल (कैटापल्ट), प्लास्टिक रस्सी, वेजिटेबल स्लाइसर, एक जोड़ी जूते, और दो ब्लैक पॉलीथिन शीट शामिल हैं। साथ ही, महिलाओं की कॉस्मेटिक सामग्री, अंडरगारमेंट्स, राशन और दवाइयां भी मिली हैं। इससे साफ है कि यह डंप वामपंथी उग्रवादियों (LWE) के दैनिक उपयोग के लिए तैयार किया गया था।

छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा इलाका

बताया जा रहा है कि यह पूरा इलाका छत्तीसगढ़ की सीमा से मात्र 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। यह पहाड़ी इलाका कभी कुख्यात नक्सली कमांडर चलपति का गढ़ माना जाता था, जो यहीं से डिविजन कमेटी के कामों की समीक्षा करता था। हालांकि अब नक्सल विरोधी अभियानों के कारण नक्सलियों के एक-एक ठिकानों को सुरक्षा एजेंसियां उजागर कर रही हैं।

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