Kedar Kashyap on Congress: केदार कश्यप का कांग्रेस पर बड़ा हमला, नक्सलवाद से की तुलना, कहा – शाह की डेडलाइन से घबराए कांग्रेसी

Kedar Kashyap on Congress

Kedar Kashyap on Congress

सरगुजा। Kedar Kashyap on Congress: छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उसकी तुलना नक्सलियों से कर दी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा नक्सलवाद के खात्मे को लेकर तय की गई डेडलाइन से कांग्रेस पार्टी बौखलाहट में है। उनका आरोप है कि कांग्रेस हमेशा से नक्सलियों की समर्थक रही है और अब जब नक्सलवाद अपने अंत की ओर है, तो कांग्रेस को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा।

मैनपाट में भाजपा प्रशिक्षण शिविर के दौरान दिया बयान

मंत्री केदार कश्यप मैनपाट में चल रहे भाजपा के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन मीडिया से चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी वर्षों तक छत्तीसगढ़ को उपेक्षित रखती रही। अब जब गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन दी है, तो कांग्रेसियों में घबराहट साफ नजर आ रही है। वे जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, उसमें वही बौखलाहट झलकती है जो आजकल नक्सलियों में दिखाई देती है।”

उन्होंने कहा कि जो लोग छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त होते नहीं देखना चाहते, वही इस तरह के भ्रामक बयान दे रहे हैं और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

खरगे के बयान पर भी किया पलटवार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा ‘जल, जंगल और जमीन’ को लेकर दिए गए बयान पर भी केदार कश्यप ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “जब व्यक्ति की जमीर नहीं बचती, तो जमीन की बात करना व्यर्थ होता है। खरगे की निष्ठा केवल गांधी परिवार तक सीमित है, उन्हें न देश की परवाह है और न ही जमीन की। कांग्रेस की जड़ें कमजोर हो चुकी हैं और उनकी जमीन खिसक चुकी है।”

कांग्रेस का पलटवार – 15 साल में नक्सलवाद बढ़ा

केदार कश्यप के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “केदार कश्यप भूल जाते हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की 15 साल सरकार रही। उन्हीं के शासनकाल में नक्सलवाद का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ। पहले जो नक्सली बस्तर तक सीमित थे, वे अन्य जिलों में भी फैल गए। कई बड़ी घटनाएं भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुईं।”

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नक्सलियों की गतिविधियां कम हुईं, और बस्तर में विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ी। “हमारे कार्यकाल में नए नक्सली बनने की प्रवृत्ति में गिरावट आई, लेकिन भाजपा अब उसका श्रेय खुद लेने में लगी है।”

केंद्र पर भी साधा निशाना

धनेंद्र साहू ने केंद्र सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने जब केंद्र से अतिरिक्त फोर्स की मांग की थी, तो उसे पूरा नहीं किया गया। अगर पर्याप्त सुरक्षा बल मिलता, तो हम भी नक्सलवाद को खत्म करने में और ज्यादा सफल होते।”

उन्होंने भाजपा को दोषारोपण की राजनीति छोड़ने की सलाह देते हुए कहा कि “बार-बार आरोप लगाकर अपनी असफलता छुपाना बंद करें और सच को स्वीकार करें।”

भाजपा और कांग्रेस के बीच नक्सलवाद को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। जहां भाजपा इसे समाप्ति की ओर बताकर कांग्रेस पर कटाक्ष कर रही है, वहीं कांग्रेस भाजपा को बीते 15 साल के शासनकाल की याद दिला रही है। आगामी दिनों में यह मुद्दा और गरमाने की संभावना है।

Youthwings