भारत में पहली बार होगी डिजिटल जनगणना, 2026 से दो चरणों में शुरू होगी प्रक्रिया, लोग खुद भर सकेंगे फॉर्म

नई दिल्ली : भारत सरकार ने देश की अगली जनगणना को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी, जिसमें नागरिक स्वयं भी अपनी जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। इसके लिए सरकार एक विशेष वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगी, जिससे जनगणना प्रक्रिया अधिक सरल, तेज और सुरक्षित हो जाएगी।
अब तक जनगणना के लिए सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर कागजी फॉर्म भरते थे, लेकिन इस बार यह पूरी प्रक्रिया तकनीक आधारित होगी। नागरिक मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से अपने घर और परिवार से जुड़ी जानकारी सीधे सरकार के सर्वर पर भेज सकेंगे।
दो चरणों में होगी जनगणना
जनगणना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा:
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हाउस लिस्टिंग एंड हाउसिंग सेंसस – इसमें मकानों और उनके प्रकार की जानकारी इकट्ठा की जाएगी।
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पॉपुलेशन एनुमरेशन – इसमें नागरिकों की संख्या, जाति, भाषा, शिक्षा, आय, जैसे सामाजिक-आर्थिक आंकड़े दर्ज किए जाएंगे।
लोग दोनों चरणों में स्वेच्छा से अपनी जानकारी पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं।
जनगणना की तिथि तय
सरकार की अधिसूचना के अनुसार:
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पहला चरण: 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा।
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दूसरा चरण: 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा।
यह आज़ादी के बाद भारत की 8वीं डिजिटल और कुल 16वीं जनगणना होगी।
34 लाख कर्मचारियों को दी जाएगी प्रशिक्षण
इस विशाल अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने 34 लाख कर्मचारियों की नियुक्ति की है। इन्हें तीन स्तरों पर प्रशिक्षित किया जाएगा – राष्ट्रीय ट्रेनर, मास्टर ट्रेनर, और फील्ड ट्रेनर। हर गांव और शहर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर एक-एक कर्मचारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ताकि जनगणना से कोई भी व्यक्ति छूट न जाए।
सीमाओं में बदलाव की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि यदि वे जिले, तहसील या थाना क्षेत्रों की सीमाओं में बदलाव करना चाहते हैं, तो 31 दिसंबर 2025 तक यह कार्य पूरा कर लें। इसके बाद वही सीमाएं जनगणना में मान्य मानी जाएंगी। सीमाओं के निर्धारण के तीन महीने बाद ही जनगणना का काम शुरू किया जा सकेगा, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।