नवा रायपुर में होलसेल कॉरिडोर की जगह बनेगा कमर्शियल हब, नई सरकार ने कांग्रेस शासनकाल की योजना की खिंचाई

रायपुर। नवा रायपुर अटल नगर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘होलसेल कॉरिडोर’ प्रोजेक्ट पर अब ब्रेक लग गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को रद्द कर दिया है। अब सरकार नवा रायपुर में एक नया कमर्शियल हब विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

नवा रायपुर में पहले से ही सिटी लेवल डेवलपमेंट का कार्य प्रारंभ हो चुका है। साथ ही, प्राधिकरण द्वारा विभिन्न सेक्टरों में बसाहट, निवेश और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भूमि आवंटन की प्रक्रिया जारी है। इसका मकसद है नवा रायपुर का संतुलित और समग्र विकास सुनिश्चित करना।

100 करोड़ की लागत से बुनियादी ढांचे का विकास

नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण (NRDA) की ओर से क्षेत्र में सड़क, नाली, बिजली, पानी जैसी मूलभूत अधोसंरचनाओं के निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत वाली इन परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

  • 30 करोड़ रुपये केवल सड़कों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे।

  • शेष राशि से नाली, विद्युत व्यवस्था और पेयजल जैसी जरूरी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

कांग्रेस काल की योजना रद्द, क्यों हुआ यू-टर्न?

कांग्रेस शासनकाल में नवा रायपुर को देश और दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार बनाने के लिए होलसेल कॉरिडोर परियोजना लाई गई थी।

  • इसके लिए 1083 एकड़ जमीन चिन्हित की गई थी और भू-उपयोग परिवर्तन भी हो चुका था।

  • योजना के तहत 540 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से व्यापारियों को भूखंड देने की बात कही गई थी।

  • इसमें बुनियादी ढांचे पर होने वाला अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करने वाली थी।

लेकिन नई भाजपा सरकार ने इस परियोजना पर असहमति जताई है और भूखंड आवंटन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है।

अब बनेगा आधुनिक कमर्शियल हब

अब नवा रायपुर विकास प्राधिकरण का फोकस एक आधुनिक कमर्शियल हब तैयार करने पर है। अधिकारियों के मुताबिक, नया हब न केवल क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी।

प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि कमर्शियल हब को लेकर नई योजना पर मंथन जारी है। इससे पहले, सिटी लेवल डेवलपमेंट के तहत क्षेत्रों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है ताकि भविष्य में व्यवस्थित तरीके से बसाहट और व्यावसायिक संचालन हो सके।

क्या बदलेगा नवा रायपुर का चेहरा?

राज्य सरकार का यह फैसला नवा रायपुर के विकास की दिशा को एक नया मोड़ दे सकता है।

  • जहां कांग्रेस सरकार की योजना थोक व्यापार के केंद्र के रूप में नवा रायपुर को विकसित करने की थी,

  • वहीं भाजपा सरकार अब इसे व्यापक निवेश और व्यवसाय का केंद्र बनाना चाहती है।

इस नई दिशा से नवा रायपुर को व्यवस्थित शहरीकरण, कारोबारी सुगमता और भविष्य के लिए स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

अब देखना होगा कि यह कमर्शियल हब योजना नवा रायपुर को कितना व्यावसायिक गति दे पाती है और क्या यह पूर्व की योजना से बेहतर साबित होती है।

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