रैंप से रैकेट तक: सोने की तस्करी में फंसी कन्नड़ एक्ट्रेस, ED ने की बड़ी कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रान्या राव के खिलाफ सोने की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में कड़ा शिकंजा कसते हुए उनकी 34.12 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है। ED की इस कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले एक संगठित सोना तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें रान्या राव समेत कई नाम शामिल हैं।

बेंगलुरु और तुमकुर में कीमती संपत्तियां जब्त

ED द्वारा जब्त की गई संपत्तियों में बेंगलुरु के पॉश विक्टोरिया लेआउट स्थित एक आलीशान बंगला, एक प्लॉट, तुमकुर जिले में औद्योगिक ज़मीन और अनेकल तालुका में कृषि भूमि शामिल है। इन सभी संपत्तियों की कुल कीमत 34.12 करोड़ रुपये आंकी गई है। एजेंसी के अनुसार, इन संपत्तियों को तस्करी के जरिए अर्जित पैसों से खरीदा गया और वैध निवेश के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की गई थी।

कैसे हुआ खुलासा?

इस पूरे मामले की शुरुआत एक एफआईआर से हुई, जिसे CBI ने दर्ज किया था। मुंबई एयरपोर्ट पर दो विदेशी नागरिकों — एक ओमान और एक यूएई निवासी — को 21.28 किलोग्राम सोने के साथ पकड़ा गया था, जिसकी कीमत करीब 18.92 करोड़ रुपये थी। इसी जांच के दौरान कड़ी जोड़ते हुए ED की नजर रान्या राव पर पड़ी।

3 मार्च को रान्या राव को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर 14.213 किलो सोने के साथ गिरफ्तार किया गया, जिसकी बाजार कीमत लगभग 12.56 करोड़ रुपये थी। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके घर पर छापेमारी में 2.67 करोड़ रुपये नकद और 2.06 करोड़ रुपये के सोने-चांदी के गहने भी बरामद किए गए।

ED जांच में क्या निकला?

जांच में सामने आया कि रान्या राव, उनके सहयोगी तरुण कोंडूरू राजू और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक संगठित अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी नेटवर्क चला रही थीं। यह नेटवर्क दुबई, युगांडा और अन्य देशों से सोना भारत लाता था। तस्करी के लिए फर्जी कस्टम डिक्लेरेशन का सहारा लिया जाता था, जिसमें दिखाया जाता था कि सोना स्विट्ज़रलैंड या अमेरिका जा रहा है, जबकि असल में उसे भारत में उतार दिया जाता था।

दो पासपोर्ट का इस्तेमाल, हवाला से फंडिंग

इस नेटवर्क के सदस्य दो-दो पासपोर्ट का इस्तेमाल करते थे — एक दिखाने के लिए और एक यात्रा के लिए। इससे वे कस्टम अधिकारियों की नजर से बच जाते थे। भारत में सोना स्थानीय ज्वैलर्स को नकद में बेचा जाता था और फिर हवाला के जरिए पैसा विदेश भेजा जाता था। इसी पैसों से अगली तस्करी के लिए फंडिंग की जाती थी।

मोबाइल डेटा से खुली परतें

ED को रान्या राव के मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों से हवाला ऑपरेटरों और दुबई स्थित एजेंटों के साथ बातचीत के सबूत भी मिले हैं। इन डिजिटल डिवाइसेज में तस्करी से संबंधित बातचीत, ट्रांजैक्शन डिटेल्स और योजनाएं दर्ज थीं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह एक सुव्यवस्थित और पेशेवर तस्करी गिरोह था।

क्यों है यह कार्रवाई अहम?

ED की यह कार्रवाई न सिर्फ एक अभिनेत्री के अपराध से जुड़ी है, बल्कि यह देश की आर्थिक सुरक्षा और विदेशी मुद्रा नियंत्रण से जुड़ा मामला भी है। इस केस से यह भी उजागर होता है कि ग्लैमर इंडस्ट्री के चेहरे के पीछे कई बार कैसे संगठित अपराध का बड़ा नेटवर्क काम कर सकता है।

ED की अब तक की जांच में कुल 55.62 करोड़ रुपये की ‘अपराध से अर्जित संपत्ति’ की पहचान की गई है, जिसमें से 34.12 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अब तक जब्त किया जा चुका है।

Youthwings