Karnataka Politics: कर्नाटक में फिर गरमाई सियासत, भाजपा नेता आर. अशोक का दावा – अक्टूबर या नवंबर में बदलेगा मुख्यमंत्री

Karnataka Politics

Karnataka Politics

बेंगलुरु। Karnataka Politics: कर्नाटक की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने बड़ा दावा किया है कि राज्य में अक्टूबर या नवंबर महीने में मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना तय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार आंतरिक खींचतान का शिकार है और नेतृत्व परिवर्तन की जमीन तैयार हो रही है।

भाजपा नेता आर. अशोक का बड़ा बयान

भाजपा के वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में सीएम बदलने की प्रक्रिया अब केवल समय का इंतज़ार कर रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी के अधिकांश विधायक खुद को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। यही कारण है कि सरकार अंदर ही अंदर अस्थिर हो चुकी है। अक्टूबर या नवंबर में नेतृत्व परिवर्तन होकर रहेगा।”

डीके शिवकुमार पर सीधा हमला

आर. अशोक ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर सत्ता हथियाने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “डीके शिवकुमार बार-बार संकेत दे रहे हैं कि वे सीएम पद की ओर बढ़ना चाहते हैं। मैं उन्हें खुली चुनौती देता हूं कि वह सार्वजनिक रूप से कहें कि सिद्धारमैया 2028 तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अगर वह ऐसा कह देते हैं, तो हम इसे कांग्रेस की ‘छठी गारंटी’ मान लेंगे।”

सिद्धारमैया ने जताया आत्मविश्वास

वहीं, इन अटकलों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री बना रहूंगा, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और सरकार पांच साल तक मजबूती से चलेगी।”

अंदरूनी खींचतान की सुगबुगाहट

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही सीएम पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच खींचतान की चर्चाएं होती रही हैं। माना जा रहा था कि पार्टी ने सत्ता साझा करने का कोई फॉर्मूला तय किया था, जिसमें तय समय के बाद डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि कांग्रेस ने कभी इस पर आधिकारिक मुहर नहीं लगाई।

विपक्ष ने बताया कांग्रेस में कलह

भाजपा लगातार यह दावा करती रही है कि कांग्रेस सरकार अंदरूनी विवाद से जूझ रही है। आर. अशोक के बयान से एक बार फिर इस चर्चा को बल मिला है। हालांकि कांग्रेस के नेता बार-बार यह कह चुके हैं कि पार्टी में कोई अंदरूनी कलह नहीं है और सरकार स्थिर है।

राज्य में अगले कुछ महीनों तक कांग्रेस की आंतरिक सियासत और भाजपा के बयानों के बीच टकराव और तेज़ होने की संभावना है। अब देखना होगा कि क्या अक्टूबर-नवंबर में कर्नाटक की सियासत वाकई करवट लेती है, या फिर ये केवल विपक्ष की सियासी रणनीति भर है।

Youthwings