Rahul Gandhi की नागरिकता पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में अहम सुनवाई, केंद्र सरकार देगी जवाब

Rahul Gandhi

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Rahul Gandhi की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चल रहे मामले में आज (5 मई) अहम सुनवाई होनी है। इस दौरान केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करना है कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। पिछली सुनवाई में केंद्र द्वारा दाखिल की गई रिपोर्ट को अदालत ने अधूरी बताया था और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह मामला “राष्ट्रीय महत्व” का है, इसमें किसी भी तरह की देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।

1 जुलाई 2024 को दाखिल हुई थी याचिका

यह मामला तब शुरू हुआ जब कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस. विग्नेश शिशिर ने 1 जुलाई 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। उन्होंने राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता रखने का आरोप लगाते हुए उनकी भारतीय नागरिकता को चुनौती दी थी। याचिका में दावा किया गया कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर पद पर रहते हुए खुद को ब्रिटिश नागरिक घोषित किया था।

ब्रिटिश दस्तावेजों का हवाला

याचिकाकर्ता ने ब्रिटिश सरकार के एक कथित गोपनीय ईमेल और दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने विदेशी नागरिक होने की बात स्वीकार की थी। यह भी कहा गया कि उन्होंने विदेशी नागरिकता रखने के बावजूद भारत में चुनाव लड़ा और संसद सदस्य बने, जो कि भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत अवैध है।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

पिछली सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र सरकार की ओर से एक स्थिति रिपोर्ट पेश की थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार करते हुए कहा कि यह जानकारी पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने टिप्पणी की, “यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है, और इसमें किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”

क्या कहता है कानून?

भारतीय नागरिकता अधिनियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त करता है, तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः समाप्त मानी जाती है। याचिकाकर्ता ने इसी आधार पर राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती दी है और मांग की है कि चुनाव आयोग भी इस विषय में संज्ञान ले।

क्या होगा अगला कदम?

आज की सुनवाई में केंद्र सरकार को स्पष्ट रूप से कोर्ट को यह बताना होगा कि राहुल गांधी की नागरिकता की स्थिति क्या है। अगर कोर्ट को जवाब संतोषजनक नहीं लगता है, तो यह मामला और बड़ा रूप ले सकता है।

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