Bastar Development Plan: बस्तर में नक्सलवाद के बाद विकास का नया युग, सीएम साय का 10 साल का विजन, बस्तर बनेगा पर्यटन हब

CM Sai Bastar Development Plan

CM Sai Bastar Development Plan

रायपुर। Bastar Development Plan: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि आने वाले 10 वर्षों में बस्तर न सिर्फ नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा, बल्कि यह प्रदेश का सबसे तेजी से विकसित होने वाला इलाका और एक बड़ा पर्यटन केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा तय की गई मार्च 2026 की डेडलाइन तक राज्य से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा।

नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई

बस्तर कभी एक जिला था, लेकिन आज यह सात जिलों का एक संभाग है, जिसकी सीमाएं तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र से लगती हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन सभी राज्यों के सुरक्षा बलों के साथ मिलकर एक संयुक्त कार्यबल (JTF) का गठन किया गया है, जो नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए समन्वित रूप से काम कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की नीति दो तरफा है – हिंसा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और मुख्यधारा में आने वालों को पुनर्वास और प्रोत्साहन।

विकास की राह पर बढ़ेगा बस्तर

सीएम साय ने कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के बाद सरकार बस्तर के समग्र विकास पर ध्यान देगी। यहां वनोपज आधारित उद्योग, पशुपालन और पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता, विशेषकर चित्रकोट जलप्रपात – जिसे ‘एशिया का नियाग्रा’ भी कहा जाता है – को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने की योजना है।

औद्योगिकरण में जबरदस्ती नहीं

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बस्तर में कोई भी विकास कार्य स्थानीय जनसंख्या की सहमति और परामर्श से ही किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि क्षेत्र के लोगों की संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली को सम्मान देते हुए योजनाएं लागू की जाएंगी।

पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

राज्य सरकार ने बस्तर में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के धुड़मारस गांव को विश्व पर्यटन मानचित्र पर शामिल किया गया है। इसके अलावा होमस्टे योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे स्थानीय आदिवासियों को सीधा आर्थिक लाभ होगा।

‘गोली के बदले गोली’ की नीति और पुनर्वास की पेशकश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नक्सलियों से लगातार अपील कर रही है कि वे हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें। पिछले 15 महीनों में 1300 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सरकार ने उन्हें पुनर्वास की गारंटी दी है। इसके अलावा ‘नियाद नेल्लनार’ योजना के तहत सुरक्षा शिविरों के आसपास के गांवों में 17 विभागों की 52 योजनाएं और 31 सामुदायिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

छत्तीसगढ़ की सुंदरता को मिलेगा नया परिचय

सीएम साय ने कहा, “नक्सलवाद छत्तीसगढ़ पर एक धब्बा है। जब यह हटेगा तो राज्य की असली सुंदरता और क्षमता दुनिया के सामने आएगी। हमारे राज्य में घने जंगल, झरने, गुफाएं और खनिज संसाधनों का अकूत भंडार है। हम इस विरासत को सुरक्षित रखते हुए, बस्तर को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।”

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