बिलासपुर नगर निगम बना बिजली कंपनी का सबसे बड़ा बकायेदार, 230 करोड़ से ज्यादा बिल बाकी, हर महीने बढ़ रहा सरचार्ज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) के सिटी सर्किल पर सबसे बड़ा बकाया किसी आम उपभोक्ता का नहीं, बल्कि नगर निगम का है। बिलासपुर नगर निगम पर कंपनी का 230 करोड़ रुपए से ज्यादा बिजली बिल बकाया है, और हैरानी की बात ये है कि पिछले डेढ़ साल से एक भी रुपया भुगतान नहीं किया गया है।
नगर निगम ने बिजली कंपनी से कार्यालय, गार्डन, स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक भवन, वाटर वर्क्स और खेल मैदानों जैसे स्थानों के लिए कई कनेक्शन ले रखे हैं। इन सभी का हर महीने दो करोड़ रुपए के करीब बिजली बिल जारी होता है। लेकिन लगातार भुगतान न होने के कारण यह बकाया अब 230 करोड़ रुपए के पार चला गया है।
सरचार्ज ने बढ़ाई परेशानी
बिल की राशि समय पर जमा न होने से हर महीने इस पर सरचार्ज (अतिरिक्त शुल्क) भी जुड़ता जा रहा है, जिससे बकाया और तेजी से बढ़ रहा है। बिजली कंपनी ने पहले ही नगर निगम को हर महीने बिल थमाया है, लेकिन भुगतान के अभाव में अब स्थिति बेहद गंभीर हो गई है।
मार्च में भी नहीं हुआ भुगतान
परंपरागत रूप से नगर निगम हर साल वित्तीय वर्ष के अंत (मार्च) में नगरीय प्रशासन विभाग के जरिए कुछ राशि भुगतान करता रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इस वित्तीय वर्ष में एक रुपया भी बिजली बिल के रूप में जमा नहीं किया गया, जिससे यह बकाया और भी अधिक हो गया है।
कोविड के समय भी नहीं दिया था बिल
सूत्रों की मानें तो कोविड महामारी के दौरान दो साल तक भी नगर निगम ने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया था। उस समय भी कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा था, और अब यह आंकड़ा 230 करोड़ से ज्यादा पहुंच गया है।
290 करोड़ तक पहुंचा सिटी सर्किल का कुल बकाया
बिलासपुर सिटी सर्किल की बात करें तो इसमें पूर्व और पश्चिम क्षेत्र के सात जोन शामिल हैं, जहां कुल बकाया अब 290 करोड़ 58 लाख रुपए तक पहुंच गया है। इसमें सिर्फ नगर निगम ही नहीं, बल्कि अन्य सरकारी विभाग और निजी उपभोक्ताओं का भी पैसा बकाया है।
बकाया की पूरी तस्वीर:
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नगर निगम – ₹230.47 करोड़
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सरकारी विभाग – ₹16.52 करोड़
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अन्य उपभोक्ता – ₹43.59 करोड़
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कुल बकाया – ₹290.58 करोड़
वसूली की कोशिशें जारी
बिजली कंपनी की ओर से बकाया वसूली के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन बड़े उपभोक्ताओं से भुगतान नहीं मिलने की वजह से कंपनी की आर्थिक हालत पर असर पड़ रहा है।