Axiom-4 Space Mission: शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष रवाना, भेजा भारत के नाम मैसेज, मां की आंखें नम

Axiom-4 Space Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आज Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की ओर ऐतिहासिक उड़ान भरी। वे राकेश शर्मा के 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। इस उपलब्धि के साथ उन्होंने भारत के तिरंगे को अंतरिक्ष तक पहुंचाकर देश का गौरव बढ़ाया। उनके साथ अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर निकले हैं।

अंतरिक्ष में प्रवेश करते ही ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने पूरे देश को संबोधित करते हुए कहा: “नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफर है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं। यह एक अद्भुत यात्रा है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधे पर तिरंगा है, जो बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूं। यह मेरी नहीं, भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। आइए, हम सब मिलकर इस सफर का हिस्सा बनें। जय हिंद! जय भारत!”

मां हुईं भावुक, पिता ने दी शुभकामनाएं:

शुभांशु की मां आशा शुक्ला अपने बेटे की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर भावुक हो गईं। वहीं उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है, बहुत खुशी है। भगवान का धन्यवाद करता हूं और प्रार्थना है कि उसका मिशन पूरी तरह सफल हो।”

NASA ने पुष्टि की मिशन की सफलता:

NASA ने जानकारी दी है कि Axiom-4 मिशन का Main Engine Cut-Off (MECO) सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इसका मतलब है कि रॉकेट का मुख्य इंजन सफलतापूर्वक बंद हो गया और यान ने पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर लिया है। अब यह अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक पहुंचाएगा।

अंतरिक्ष यात्रियों का खर्च खुद उठा रहे हैं देश:

Axiom-4 मिशन में शामिल भारत, पोलैंड और हंगरी अपने-अपने अंतरिक्ष यात्रियों का खर्च स्वयं वहन कर रहे हैं। स्पेसन्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, हंगरी ने इस मिशन के लिए लगभग 100 मिलियन डॉलर का भुगतान किया है। हालांकि भारत और पोलैंड ने अपने खर्च की आधिकारिक जानकारी नहीं दी है।

Youthwings