बिजली दरों पर फिर होगी जनसुनवाई, आयोग ने उपभोक्ताओं को 30 जून को दिया अंतिम मौका

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में संशोधन को लेकर एक बार फिर उपभोक्ताओं को अपनी बात रखने का अवसर दिया है। आयोग ने यह फैसला 19 और 20 जून को हुई पिछली जनसुनवाई में उपभोक्ताओं की कम भागीदारी और समय की कमी को लेकर हुई शिकायतों के बाद लिया है। अब यह अंतिम सुनवाई 30 जून को आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी श्रेणियों के उपभोक्ता बिजली की नई दरों को लेकर अपना पक्ष रख सकेंगे।

जनसुनवाई रायपुर स्थित विद्युत नियामक आयोग के कार्यालय में पूर्वान्ह 11:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित होगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह अंतिम मौका होगा, इसके बाद उपभोक्ताओं को अपनी बात कहने का और कोई अवसर नहीं दिया जाएगा।

पहले कम मिली प्रतिक्रिया, अब फिर से सुनवाई

गौरतलब है कि पावर वितरण कंपनी ने दिसंबर 2024 में ही आय-व्यय के ब्यौरे के साथ नए टैरिफ का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को सौंप दिया था। लेकिन आयोग में सदस्य पदों के रिक्त होने की वजह से लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। हाल ही में सरकार ने विवेक गनौदवाले को विधि सदस्य और अजय सिंह को तकनीकी सदस्य नियुक्त किया, जिसके बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की गई।

19 जून को हुई पहली सुनवाई में कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन इस दिन केवल चार से पांच लोग ही पहुंचे। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि उन्हें सुनवाई के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, जिसके चलते वे अपनी समस्याएं सामने नहीं रख सके।

बिजली व्यवस्था पर भी उठे सवाल

जनसुनवाई में उपस्थित कुछ उपभोक्ताओं और किसान नेताओं ने फील्ड में खराब बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेकर आयोग के समक्ष सवाल उठाए। उनका कहना था कि ट्रांसफॉर्मर बार-बार फेल हो रहे हैं, लाइन की समस्याएं लगातार बनी हुई हैं और घंटों बिजली कटौती से परेशानी बढ़ रही है। इसके अलावा, बिलिंग में त्रुटियां और उपभोक्ताओं की शिकायतों पर समय पर कार्रवाई न होने की बात भी प्रमुखता से उठाई गई।

4500 करोड़ का घाटा, बढ़ सकती हैं दरें

बिजली दरों में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए भी आया है क्योंकि पावर वितरण कंपनी ने आयोग को बताया है कि वह लगभग 4500 करोड़ रुपए के घाटे में है। कंपनी का कहना है कि मौजूदा टैरिफ दरों पर 2024-25 के अनुमानित बिजली विक्रय से उसे 4420 करोड़ रुपए का घाटा हो सकता था, जिसे बाद में संशोधित कर 2819 करोड़ रुपए माना गया।

राज्य सरकार ने बीते वर्ष इस घाटे की आंशिक भरपाई के लिए 1000 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति राशि देने का भी फैसला किया था, लेकिन कंपनी का तर्क है कि घाटा बहुत अधिक है और उसे कम करने के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी आवश्यक है।

उपभोक्ताओं के लिए अंतिम मौका

आयोग ने स्पष्ट किया है कि 30 जून को होने वाली जनसुनवाई उपभोक्ताओं के लिए अंतिम अवसर होगी। जो उपभोक्ता 19 और 20 जून की सुनवाई में उपस्थित नहीं हो पाए थे, वे अब इस दिन अपनी समस्याएं और सुझाव रख सकते हैं।

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