Iran-Israel War Live Updates: ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। ईरान ने इजरायल की आर्थिक राजधानी तेल अवीव पर हमला बोल दिया है, जिसमें इजरायल के स्टॉक एक्सचेंज को भी बमबारी का निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद पूरा शहर दहशत में है और युद्ध की आहट दुनियाभर में महसूस की जा रही है।
ट्रंप सरकार की रणनीति: सीधी सैन्य कार्रवाई पर विचार
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो फिर से चुनावी दौड़ में हैं, इस मुद्दे पर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आग्रह पर ईरान पर सीधा हमला करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। हालांकि ट्रंप एक और दीर्घकालिक युद्ध में अमेरिका को उलझाना नहीं चाहते, लेकिन मध्य पूर्व में सैन्य तैयारियों को गति मिल चुकी है।
अमेरिका ने अपने विमानों और युद्धपोतों को सुरक्षित ठिकानों पर तैनात करना शुरू कर दिया है। वहीं, एक एयरक्राफ्ट कैरियर इंडो-पैसिफिक से मध्य पूर्व की ओर रवाना किया गया है। चर्चा है कि अमेरिका ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों को 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर बस्टर’ बमों से नष्ट करने की योजना बना रहा है।
चीन का अलर्ट, तेहरान से पलायन शुरू
चीन ने अपने नागरिकों को तत्काल इजरायल छोड़ने का निर्देश दे दिया है। इस बीच, ईरान की राजधानी तेहरान से भी बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। युद्ध की आशंका ने स्थानीय आबादी में भारी तनाव फैला दिया है।
यूरोप ने भी दिखाई सक्रियता, पुतिन की मध्यस्थता पर ट्रंप का तंज
इस उभरते अंतरराष्ट्रीय संकट पर यूरोपीय देश भी सक्रिय हो गए हैं। शुक्रवार को स्विट्जरलैंड में जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के राजनयिकों की बैठक ईरान के साथ परमाणु वार्ता को लेकर प्रस्तावित है। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मध्यस्थता की पेशकश की है, लेकिन ट्रंप ने उन्हें “पहले यूक्रेन संकट सुलझाने” की सलाह दी है।
तेल अवीव में तबाही, तनाव चरम पर
तेल अवीव पर ईरान के हमले ने वैश्विक शांति को चुनौती दी है। इजरायल का स्टॉक एक्सचेंज और आसपास के इलाके बमबारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस घटना के बाद पूरे इजरायल में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है और कई देशों ने अपने दूतावासों को अलर्ट मोड पर डाल दिया है।
युद्ध की दहलीज पर खड़ा है पश्चिम एशिया
ईरान और इजरायल के बीच का यह टकराव सिर्फ क्षेत्रीय नहीं रहा, अब यह वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बन गया है। अमेरिका, चीन, यूरोप और रूस जैसे महाशक्तियों की निगाहें अब इस युद्ध पर टिकी हैं। आने वाले कुछ दिन दुनिया की भू-राजनीति में बड़े बदलाव ला सकते हैं।