दंतेवाड़ा में चार युवकों का फिल्मी स्टाइल में अपहरण: रायपुर से आए बाउंसरों ने खुद को बताया क्राइम ब्रांच अफसर

दंतेवाड़ा। नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर के गीदम थाना क्षेत्र के बूथपदर गांव में रविवार को एक ऐसी सनसनीखेज वारदात सामने आई जिसने पूरे इलाके में चौंकाने वाला माहौल पैदा कर दिया। राजधानी रायपुर से आए कुछ बाउंसरों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर गांव के चार आदिवासी युवकों का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया।
लेकिन गांव के जागरूक लोगों और पुलिस की फुर्ती के चलते एक बड़ी अनहोनी टल गई, और चारों युवक सकुशल बचा लिए गए। फिलहाल एक दर्जन से अधिक आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं और पूरे मामले की जांच जारी है।
नौकरी के नाम पर ठगी, पैसे मांगे तो बना डाली अपहरण की साजिश
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड राजू अंसारी है, जो दंतेवाड़ा का ही रहने वाला है। उसने चारों आदिवासी युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर 4 लाख रुपये ऐंठे थे। जब युवकों ने अपना पैसा वापस मांगा, तो राजू अंसारी ने साजिश रचकर रायपुर से बाउंसर बुलाए और उनका अपहरण करवा दिया।
खुद को क्राइम ब्रांच बताकर चार पहिया में उठा ले गए युवक
सूत्रों के अनुसार, दो चारपहिया वाहनों में सवार करीब एक दर्जन बाउंसर गांव पहुंचे। उन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और चार युवकों को जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गए। घटना दिनदहाड़े हुई, जिससे गांव में अफरा-तफरी मच गई।
ग्रामीणों की सतर्कता ने बचाई जान
बूथपदर गांव के सरपंच घासीराम कश्यप ने बताया कि अगर ग्रामीण समय रहते अलर्ट नहीं होते, तो युवकों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था। ग्रामीणों को इन वाहनों की हरकतें संदिग्ध लगीं, इसलिए उन्होंने तुरंत गीदम थाने में सूचना दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, बारसूर में रोका गया काफिला
सूचना मिलते ही गीदम पुलिस ने बारसूर इलाके में नाकेबंदी कर दी। कुछ ही देर में अपहरणकर्ताओं का काफिला पकड़ में आ गया और पुलिस ने दोनों गाड़ियां जब्त कर लीं। घटनास्थल से एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
एसडीओपी गोविंद दिवान ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और पूरे गिरोह के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
मास्टरमाइंड राजू अंसारी पर पहले से हैं गंभीर आरोप
भाजपा नेता राजेश कश्यप के अनुसार, यह कोई पहली बार नहीं है जब राजू अंसारी ने ठगी की हो। राजू पहले भी 50 से ज्यादा युवाओं से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। लेकिन अब उसने अपराध के तरीके बदलकर सीधे अपहरण जैसे संगीन जुर्म को अंजाम देना शुरू कर दिया है।
नक्सल क्षेत्र में नई तरह के अपराध की दस्तक
दंतेवाड़ा जैसे संवेदनशील और नक्सल प्रभावित इलाके में इस तरह की वारदात असुरक्षा की नई चिंता लेकर आई है। जहां अब तक लोग नक्सलियों से डरे रहते थे, अब फर्जी पुलिस अफसर और ठग भी आतंक फैला रहे हैं।
इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि अपराधी गांवों के भोलेभाले युवाओं की आर्थिक मजबूरी और बेरोजगारी का फायदा उठा रहे हैं।