Chhattisgarh Factory Fire: उरला की डामर फैक्ट्री में भीषण आग, करोड़ों के नुकसान की आशंका; कई दमकल गाड़ियां मौके पर जुटीं

Chhattisgarh Factory Fire

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रायपुर। Chhattisgarh Factory Fire: राजधानी रायपुर के उरला औद्योगिक क्षेत्र में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब बालाजी कार्बन एंड रिफैक्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की डामर फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। फैक्ट्री से उठती भारी आग की लपटें और काले धुएं के गुबार ने दूर-दूर तक के इलाके को दहशत में डाल दिया।

आग का तांडव, इलाके में दहशत का माहौल

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बोरझरा स्थित फैक्ट्री से दोपहर के समय अचानक आग की तेज लपटें उठने लगीं। आग इतनी विकराल थी कि कुछ ही देर में चारों तरफ घना काला धुआं फैल गया, जिसे कई किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था। आग लगते ही स्थानीय लोग घरों से बाहर निकल आए और तुरंत पुलिस व फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।

मौके पर प्रशासन और दमकल विभाग की टीम मौजूद

सूचना मिलते ही उरला थाना पुलिस, स्थानीय प्रशासन और फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। दमकल कर्मियों को आग बुझाने में भारी मशक्कत करनी पड़ रही है क्योंकि फैक्ट्री में मौजूद ज्वलनशील रसायन आग को और भड़काने का काम कर रहे हैं।

आग के कारणों का पता नहीं, करोड़ों की संपत्ति जलकर राख

अब तक की जानकारी के अनुसार, आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। प्राथमिक आशंका है कि फैक्ट्री में इस्तेमाल होने वाला कोई केमिकल या मशीनरी में तकनीकी खराबी से यह हादसा हुआ हो सकता है।

इस भयंकर आग में फैक्ट्री को करोड़ों रुपए के नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है। हालांकि, सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

हालात पर नजर बनाए हुए है प्रशासन

स्थानीय प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। फैक्ट्री के आसपास के क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से खाली कराया गया है ताकि आग पर काबू पाने में कोई रुकावट न आए।

पुलिस और फायर विभाग की टीम यह सुनिश्चित करने में जुटी है कि आग आसपास की अन्य फैक्ट्रियों या रिहायशी इलाकों तक न फैले।

आगे की कार्रवाई और जांच जारी

फिलहाल आग बुझाने का प्रयास जारी है और फैक्ट्री के भीतर प्रवेश को असुरक्षित बताया गया है। अधिकारियों ने कहा है कि जैसे ही आग पर काबू पाया जाएगा, एक विस्तृत जांच शुरू की जाएगी ताकि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा सके।

उरला के औद्योगिक क्षेत्र में इस भयावह हादसे ने एक बार फिर से फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जरूरत को उजागर कर दिया है। करोड़ों के नुकसान की भरपाई तो संभव है, लेकिन यदि जान-माल की क्षति होती तो यह और भी बड़ी त्रासदी बन सकती थी। फिलहाल राहत की बात यही है कि आग पर काबू पाने की कोशिशें तेज हैं और कोई जान का नुकसान नहीं हुआ है।

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