PDS घोटाला: 80 दुकानों से 12,000 क्विंटल चावल गायब, 6 महीने से कार्रवाई ठप

मुंगेली। जनवरी 2025 में कराए गए भौतिक सत्यापन में जिले की 80 सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों से 12,000 क्विंटल चावल का घोटाला सामने आया है। इसके बावजूद, 6 महीने बीतने के बाद भी ना किसी पर कार्रवाई हुई, ना रिकवरी की गई, जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
सिर्फ नोटिस, कार्रवाई शून्य
जिन दुकानों में चावल की शॉर्टेज पाई गई थी, उन्हें नोटिस भेजे गए और एसडीएम न्यायालय में प्रकरण भेजे गए, लेकिन अब तक ना कोई दंडात्मक कदम उठाया गया है और ना ही दोषियों से वसूली की गई है।
दोषियों के नाम अभी भी गुप्त
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन दुकानों में यह अनियमितता पाई गई, उनके नाम अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हर साल घोटाले, फिर भी जिम्मेदार आज़ाद
ऐसी गड़बड़ियां हर साल उजागर होती हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति होती है। आम सवाल उठ रहा है कि जब धान खरीदी केंद्रों में छोटे अंतर पर भी कर्मचारी जेल भेजे जाते हैं, तो फिर PDS दुकानदारों के साथ यह नरमी क्यों?
दागी संचालक चला रहे दुकानें
हैरानी की बात है कि जिन दुकानों में गड़बड़ी पाई गई, वे आज भी उसी संचालक के हवाले हैं। इससे संदेह और प्रशासनिक शिथिलता की स्थिति और स्पष्ट होती जा रही है।
क्या बोले जनप्रतिनिधि और अधिकारी
- विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि खाद्यान्न की शॉर्टेज को लेकर रिकवरी की कार्रवाई होनी चाहिए।
- कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और विस्तृत जांच रिपोर्ट मंगाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- जिला खाद्य अधिकारी एच.के. डड़सेना ने कहा कि सत्यापन के बाद प्राथमिक जानकारी भेज दी गई है, कार्रवाई का अगला चरण जारी है।