सुकमा मुठभेड़ में दो हार्डकोर नक्सली ढेर: 5 लाख का इनामी कमांडर मुचाकी बामन और महिला माओवादी अनीता अवलम मारे गए

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। 11 जून 2025 को सुकमा जिले के कूकानार थाना क्षेत्र के डुनमपारा-पुसगुन्ना के घने जंगलों में हुई मुठभेड़ में दो कुख्यात माओवादी ढेर कर दिए गए। मारे गए नक्सलियों में 5 लाख का इनामी कटेकल्याण एरिया कमेटी का LOS कमांडर मुचाकी बामन और महिला सीनियर पार्टी सदस्य अनीता अवलम शामिल हैं।
दोनों के शव मुठभेड़ स्थल से बरामद किए गए हैं, जिनके पास से अत्याधुनिक हथियारों और भारी मात्रा में विस्फोटकों का जखीरा भी मिला है।
सुरक्षाबलों का संयुक्त ऑपरेशन
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने जानकारी देते हुए बताया कि पुख्ता खुफिया इनपुट के आधार पर सुकमा पुलिस बल और डीआरजी (District Reserve Guard) की संयुक्त टीम को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया था। 11 जून को दोपहर करीब 2 बजे जंगल में सर्चिंग के दौरान माओवादी संगठन के सशस्त्र दस्ते से मुठभेड़ शुरू हुई, जो काफी देर तक चली।
मुठभेड़ समाप्त होने के बाद इलाके की सघन तलाशी में दो माओवादियों के शव बरामद किए गए। इनमें एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं। पुलिस ने प्राथमिक पहचान के आधार पर बताया कि मारे गए माओवादी मुचाकी बामन (चिकपाल, थाना कटेकल्याण, जिला दंतेवाड़ा) और अनीता अवलम (बीजापुर क्षेत्र) थे। दोनों कटेकल्याण एरिया कमेटी में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री जब्त
घटनास्थल से बरामद सामान इस प्रकार है:
- 01 नग 5.56 MM इंसास राइफल
- 01 नग भरमार बंदूक
- 04 नग जिलेटिन स्टिक
- 10 नग डेटोनेटर
- 17 नग इंसास जिंदा कारतूस
- 05 नग 12 बोर के जिंदा कारतूस
- 01 नग साबुन बम
- 01 टिफिन बम
- वायर, सेफ्टी फ्यूज और अन्य नक्सली सामग्री
नक्सलियों पर लगातार कसा जा रहा शिकंजा
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 और 2025 के बीते 17 महीनों में कुल 411 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। यह नक्सल विरोधी अभियानों की एक बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों द्वारा DRG, STF, CoBRA, CRPF, BSF, ITBP, CAF, और बस्तर फाइटर्स के सहयोग से लगातार अभियानों को अंजाम दिया जा रहा है। यह सभी बल मिलकर बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
“संकल्प: नक्सल मुक्त बस्तर मिशन” – अब एक सच्चाई
आईजी सुंदरराज पी. ने दोहराया कि बस्तर में अब नक्सली गतिविधियों की कमर टूट चुकी है। एक समय था जब यह इलाका आतंक और हिंसा के लिए जाना जाता था, लेकिन आज यहां शांति और विकास की नई सुबह दस्तक दे रही है। उन्होंने कहा, “संकल्प: नक्सल मुक्त बस्तर मिशन अब केवल एक सपना नहीं, बल्कि एक साकार होती हुई हकीकत है।”