बीजापुर में पुलिस बर्बरता मामला गरमाया: अधिकारी-कर्मचारी लामबंद, दो जवान निलंबित, जांच समिति गठित

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर पुलिसिया बर्बरता ने प्रशासन की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भैरमगढ़ जनपद पंचायत में पदस्थ तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम और पंचायत सचिव बाबू राव पुलसे के साथ कुटरू एसडीओपी ब्रिज किशोर यादव व उनके पुलिसकर्मियों द्वारा की गई बेरहमी से मारपीट का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। घटना को लेकर जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी आंदोलन की चेतावनी के साथ लामबंद हो गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

घटना 29 मई की बताई जा रही है, जब तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम और सचिव बाबू राव पुलसे एक निजी कार से बीजापुर लौट रहे थे। इसी दौरान कुटरू थाना क्षेत्र के ग्राम तुमला के पास पीछे से आ रही एक स्कॉर्पियो को रास्ता न मिलने पर उसमें सवार एसडीओपी ब्रिज किशोर यादव और उनके जवानों ने उन्हें रोक लिया।

पीड़ितों का आरोप है कि दोनों को गाड़ी से खींचकर बाहर निकाला गया, बंदूक की नोक पर धमकाया गया और फिर जमीन पर गिराकर जूते व बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया। इतना ही नहीं, इस दौरान उनके साथ जातिगत गालियां भी दी गईं। पुलिस का यह बर्बर व्यवहार सुनकर भैरमगढ़ जनपद कार्यालय के अन्य कर्मचारी भी स्तब्ध रह गए।

बढ़ता विरोध, हड़ताल की चेतावनी

घटना से आक्रोशित जनपद पंचायत भैरमगढ़ के अधिकारी और कर्मचारी एकजुट होकर बीजापुर कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंप चुके हैं। उनकी मांग है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, अन्यथा वे काम बंद आंदोलन शुरू करेंगे। फिलहाल कर्मचारियों ने एफआईआर दर्ज न होने पर भी नाराजगी जाहिर की है।

एसपी की कार्रवाई: दो जवान सस्पेंड

मामले की गंभीरता को देखते हुए बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने प्रारंभिक जांच के आधार पर दो पुलिसकर्मियों — दिवा जितेन्द्र और सोमारू उरसा को निलंबित कर दिया है। साथ ही विभागीय जांच की भी शुरुआत कर दी गई है। एसपी का कहना है कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर दोषियों के विरुद्ध कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर ने बनाई जांच समिति

घटना पर प्रशासन की ओर से भी तेजी से प्रतिक्रिया दी गई है। बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इसमें अपर कलेक्टर भूपेन्द्र कुमार अग्रवाल को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि सदस्य के रूप में एएसपी यूलेडन यार्क और एसडीएम भैरमगढ़ विकास सर्वे को शामिल किया गया है। समिति को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।

एफआईआर न होने से और भड़के कर्मचारी

घटना के चार दिन बीतने के बावजूद अब तक पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जिससे कर्मचारियों में रोष और बढ़ गया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अगर एफआईआर जल्द दर्ज नहीं हुई और दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।

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