दुर्ग में दो बांग्लादेशी महिलाओं की गिरफ्तारी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रही थीं भारत में

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और कार्रवाई को लेकर पुलिस ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। मोहन नगर थाना क्षेत्र के जयंती नगर स्थित एक मकान में छिपकर रह रहीं दो बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। इन महिलाओं ने भारतीय नागरिक की पहचान अपनाकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश में लंबे समय से निवास कर रही थीं। दुर्ग पुलिस की एसटीएफ टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
गिरफ्तार की गई महिलाओं के नाम सपना शर्मा और रानी पासवान बताए गए थे, लेकिन पुलिस पूछताछ में इनकी असली पहचान सामने आई। सपना शर्मा उर्फ सपना मंडल का वास्तविक नाम सनाया नूर है, जो मूलतः बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के जोरहाट की निवासी है। वहीं रानी पासवान उर्फ खुशबू का असली नाम खुशबू बेगम है, जो उसी जिले के जोबरहाट क्षेत्र की रहने वाली है।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि दोनों महिलाएं पिछले 15 वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रही हैं। सनाया नूर ने करीब 8 साल पहले रायपुर के चंगोराभाठा इलाके में ठिकाना बनाया था। खुद को भारतीय नागरिक दिखाने के लिए उसने 2019 में फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे, जिनमें उसने अभय शर्मा नामक एक व्यक्ति को अपना पति बताया था। इसके आधार पर उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया था।
इसी तरह खुशबू बेगम ने भी फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय पहचान पत्र तैयार करवाए थे। पुलिस ने इन महिलाओं के पास से कई फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं जिनमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और बैंक पासबुक शामिल हैं। साथ ही मोबाइल की जांच में यह भी पाया गया कि सनाया नूर लगातार बांग्लादेशी नंबरों के संपर्क में थी।
इस पूरे मामले में पुलिस ने दोनों महिलाओं के खिलाफ कड़ी धाराओं में केस दर्ज किया है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 319(2), 336(3), 3(5) बीएनएस, विदेशी विषयक अधिनियम 1946 की धारा 14, पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12 और 3 के तहत मोहन नगर थाने में एफआईआर दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
फिलहाल पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि इन महिलाओं को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराने में किन स्थानीय लोगों ने सहयोग किया। दस्तावेज बनाने में मदद करने वाले दलालों की भी तलाश की जा रही है और पुलिस के अनुसार जल्द ही इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सकता है।