हज कमेटी चुनाव पर घमासान: इमरान खान बने अध्यक्ष, वक्फ बोर्ड ने उठाए गंभीर सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर कांग्रेस नेता इमरान खान को अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा हुई है, वहीं दूसरी ओर इस चुनाव को लेकर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज और बीजेपी प्रत्याशी सैयद मक़बूल अली ने गंभीर आरोप लगाए हैं। चुनाव की वैधता को लेकर सवाल खड़े कर दिए गए हैं, जिससे इस पूरे मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है।
चुनाव में छह लोगों ने डाले वोट, दो वोट अवैध घोषित
राज्य हज कमेटी में कुल 11 सदस्य हैं। चुनाव के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के पांच-पांच सदस्यों ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया। जानकारी के अनुसार, केवल छह लोगों ने वोट डाले, जिनमें कांग्रेस के इमरान खान और बीजेपी के सैयद मक़बूल अली आमने-सामने थे।
वोटिंग के नतीजे में दो-दो वोट दोनों प्रत्याशियों को मिले, जबकि दो वोटों को चुनाव अधिकारी ने अवैध करार दिया। इसके बाद कांग्रेस खेमे की ओर से चुनाव अधिकारी पर दबाव बनाकर इमरान खान को विजेता घोषित किए जाने का आरोप सामने आया।
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब पांच सदस्य बहिष्कार कर चुके थे, तब छह वोटों की वैधता अपने आप में संदिग्ध हो जाती है। इसके अलावा, दो वोट अवैध घोषित होने के बावजूद चुनाव अधिकारी से जबरन इमरान खान के पक्ष में सर्टिफिकेट बनवाया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि पीठासीन अधिकारी द्वारा पूरी चुनावी प्रक्रिया की रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी और उसके बाद शासन को तय करना है कि यह चुनाव वैध है या नहीं।
बीजेपी प्रत्याशी ने दोबारा चुनाव की मांग की
बीजेपी प्रत्याशी सैयद मक़बूल अली ने चुनाव को पूरी तरह अवैध करार देते हुए कहा, “चुनाव अधिकारी को कमरे में बंद कर उन पर दबाव बनाया गया। कांग्रेस के सदस्यों ने मिलकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मज़ाक उड़ाया है। हम मांग करते हैं कि इस चुनाव को रद्द कर दोबारा मतदान कराया जाए।”
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने माहौल अपने पक्ष में बनाने के लिए प्रशासनिक दबाव बनाया और नियमों को ताक पर रखकर अध्यक्ष पद हासिल करने का प्रयास किया।
इमरान खान का पलटवार: चुनाव पारदर्शी था
इन तमाम आरोपों के बीच नवनिर्वाचित अध्यक्ष इमरान खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हुआ है। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है, जिसमें वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज स्वयं मौजूद थे। उनके द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और दुर्भावनापूर्ण हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को आपत्ति है, तो वे कानूनी और संवैधानिक प्रक्रिया अपनाएं, लेकिन जनता को गुमराह करना सही नहीं है।
क्या कहता है नियम?
राज्य हज कमेटी के चुनाव की प्रक्रिया केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों और राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित नियमों के अधीन होती है। ऐसे में चुनाव के वैधता पर अंतिम निर्णय शासन द्वारा ही लिया जाएगा, जिसके लिए अब पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।