Naxal-free Karregutta: कोरेगुट्टा पहाड़ी पहुंचे CRPF के डीजी, ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट में शामिल जवानों का बढ़ाया मनोबल

Naxal-free Karregutta
Naxal-free Karregutta: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट की ऐतिहासिक सफलता के बाद मंगलवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक (डीजी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कोरेगुट्टा पहाड़ी का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन में शामिल जवानों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया और उनके योगदान की सराहना की।
यह पहाड़ी, जिसे कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, अब पूरी तरह से सुरक्षा बलों के नियंत्रण में है और जल्द ही इसे आम जनता और पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी चल रही है।
नक्सलियों से मुक्त हुआ कर्रेगुट्टा, अब खुलेगा आम लोगों के लिए
बीजापुर जिले की कोरेगुट्टा पहाड़ी (जिसे स्थानीय रूप में KGH के नाम से जाना जाता है), लंबे समय से नक्सलियों की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रही है। लेकिन अब यह इतिहास बनने जा रहा है। सुरक्षा बलों की सफल कार्रवाई के बाद पहाड़ी को नक्सल मुक्त घोषित किया गया है और अब इसे आम लोगों के लिए खोलने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
वर्तमान में सुरक्षा बल पहाड़ी के अंतिम सिरे तक सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं किसी चट्टान या रास्ते में नक्सलियों द्वारा छिपाया गया IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) न रह गया हो। जब तक यह इलाका पूरी तरह से IED फ्री नहीं हो जाता, तब तक इसे आम नागरिकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जा सकता।
वेदम गुफा में लौटेगी रौनक
कोरेगुट्टा पहाड़ी के एक हिस्से में स्थित है वेदम गुफा, जिसका ऐतिहासिक महत्व महाभारत काल से जोड़ा जाता है। यह गुफा वर्षों से नक्सली कब्जे में थी, जिस कारण स्थानीय लोग और श्रद्धालु यहां जाना छोड़ चुके थे। अब जब यह क्षेत्र सुरक्षित हो चुका है, तो उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इस गुफा को फिर से पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों के लिए खोला जाएगा।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: सबसे बड़ा सुरक्षा अभियान
21 अप्रैल 2025 को CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन संकल्प की शुरुआत की थी, जिसे बाद में ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ नाम से पहचाना गया। इस ऑपरेशन में लगभग 20,000 जवानों को तैनात किया गया था, जो अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान माना जा रहा है।
लगभग तीन सप्ताह चले इस अभियान को 11 मई 2025 को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें 16 महिलाएं भी शामिल थीं। इसके साथ ही, भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामग्री बरामद की गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई जानकारी
बुधवार को बीजापुर में आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में CRPF के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी अरुण देव गौतम ने ऑपरेशन की सफलता की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों के लिए यह अभियान सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम भी है।
CRPF जवानों को मिला डीजी का प्रोत्साहन
कोरेगुट्टा पहाड़ी पहुंचने के बाद डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने ऑपरेशन में शामिल जवानों से बातचीत की और उनके परिश्रम, साहस और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे ऑपरेशन सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि जवानों के जज़्बे और टीमवर्क से सफल होते हैं। उन्होंने जवानों को इस सफलता के लिए बधाई दी और भरोसा दिलाया कि भविष्य में भी सरकार और प्रशासन उनका हर स्तर पर सहयोग करेगा।
आगे की योजना
राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अब कर्रेगुट्टा क्षेत्र को इको-टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने की योजना बना रही हैं। इससे एक ओर जहां क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर यह इलाका नक्सलियों के लिए फिर से सुरक्षित पनाहगाह नहीं बन पाएगा।