Raipur का अधूरा स्काईवॉक प्रोजेक्ट फिर चर्चा में, बीजेपी ने निर्माण शुरू करने का लिया फैसला, कांग्रेस बोली– ‘बर्बादी की योजना

Raipur : राजधानी रायपुर का वर्षों से अधूरा पड़ा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने इस बहुचर्चित परियोजना को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है। लेकिन इस फैसले के साथ ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखी राजनीतिक नोकझोंक भी शुरू हो गई है।
कांग्रेस का आरोप – जनता के पैसे की बर्बादी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने को लेकर बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा, “स्काईवॉक का कोई उपयोग नहीं होने वाला। यह केवल भ्रष्टाचार और अपराध का अड्डा बनेगा। राजधानी में इसकी कोई जरूरत नहीं है। ट्रैफिक समस्या को हल करने के लिए ओवरब्रिज की आवश्यकता है, स्काईवॉक नहीं। कांग्रेस ने जनता के हित में इस योजना को रोका था।”
बीजेपी का पलटवार – अधूरा विकास पूरा कर रही सरकार
डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “हमारी सरकार के समय स्काईवॉक की योजना विकास के दृष्टिकोण से बनाई गई थी और 70% से अधिक काम पूरा हो चुका था। लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद राजनीतिक कारणों से इसे रोक दिया। उनकी ही कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि स्काईवॉक बनना चाहिए। अब हमने टेंडर स्वीकृत कर आगे का कार्य शुरू करने का फैसला लिया है।”
बृजमोहन अग्रवाल का बयान – अधूरे प्रोजेक्ट पर शंका करना गलत
बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार पांच साल में कोई ठोस निर्णय नहीं ले सकी। “बीजेपी की सरकार ने इसे पूरा करने का साहसिक निर्णय लिया है। जब यह प्रोजेक्ट अभी अधूरा है, तब इस पर सवाल उठाना उचित नहीं है। जो पैसे खर्च हो चुके हैं, उनका लाभ जनता को मिलना चाहिए।”
2017 में मिली थी स्वीकृति, 2019 में रुका काम
गौरतलब है कि स्काईवॉक प्रोजेक्ट को साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने स्वीकृति दी थी। लेकिन 2019 में कांग्रेस सरकार के आने के बाद इसका कार्य रोक दिया गया। इस दौरान लगभग 70 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका था। बाद में एक सुझाव समिति बनाई गई, जिसने पांच वर्षों तक केवल चर्चाएं कीं लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया।
प्रोजेक्ट बंद होने के बाद स्काईवॉक के पिलर्स पर कभी वर्टिकल गार्डन तो कभी पेंटिंग बनवाने जैसे प्रयोग हुए, लेकिन समय के साथ इसके कुछ हिस्से कमजोर हो गए और पुरजे भी गिरने लगे।