32 दिन बाद खत्म हुई पंचायत सचिवों की हड़ताल, सरकार से बनी आंशिक सहमति

शासकीयकरण, वेतन वृद्धि व चिकित्सा प्रतिपूर्ति पर बनी सहमति, आंदोलन की अवधि का वेतन भी मिलेगा

शासकीयकरण, वेतन वृद्धि व चिकित्सा प्रतिपूर्ति पर बनी सहमति, आंदोलन की अवधि का वेतन भी मिलेगा

रायपुर। शासकीयकरण और वेतन वृद्धि जैसी अहम मांगों को लेकर बीते 32 दिनों से राज्यव्यापी हड़ताल पर रहे पंचायत सचिवों ने अब अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। यह निर्णय पंचायत मंत्री विजय शर्मा और सचिव संघ के प्रतिनिधियों के बीच हुई चार दिवसीय बातचीत के बाद लिया गया।

संघर्ष की आंशिक जीत मानी पंचायत सचिवों ने

पंचायत सचिव संघ ने सरकार से मिली सकारात्मक सहमति को “संघर्ष की आंशिक जीत” बताते हुए हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। अब सचिव अपने-अपने कार्यस्थलों पर लौटने को तैयार हैं, जिससे गांवों में रुकी विकास योजनाओं और प्रशासनिक कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।

क्या बनी सहमति?

शासकीयकरण व वेतन सुधार के आश्वासन के बाद सचिवों ने आंदोलन किया स्थगित
सरकार ने स्पष्ट किया है कि पंचायत सचिवों के शासकीयकरण पर विचार करने के लिए गठित विशेष समिति 2026 तक अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

वेतन विसंगतियों का समाधान:
15 वर्षों की सेवा पूरी कर चुके पंचायत सचिवों के वेतन सत्यापन में आ रही विसंगतियों को दूर करने का आश्वासन दिया गया है।

विजय शर्मा से चर्चा के बाद सचिवों की वापसी, रुका वेतन मिलेगा जल्द
हड़ताल की अवधि में रोके गए वेतन का भुगतान शीघ्र करने की भी सहमति बनी है।

चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति:
सरकार जल्द ही सचिवों के लिए नई चिकित्सा प्रतिपूर्ति मार्गदर्शिका जारी करेगी।

आगे क्या?

संघ नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि तय समयसीमा में मांगे पूरी नहीं की गईं, तो भविष्य में फिर से आंदोलन किया जा सकता है। फिलहाल सचिवों की वापसी से ग्रामीण विकास के कार्यों को राहत मिलनी तय मानी जा रही है।

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