चार IIT, 3 IIM समेत 17 प्रतिष्ठित संस्थान ‘डिफॉल्टर’ सूची में: 30 दिन में एंटी-रैगिंग मानदंडों का पालन नहीं किया तो होगी मान्यता रद्द

नई दिल्ली : भारतीय उच्च शिक्षा के प्रतिष्ठित संस्थानों में शामिल चार आईआईटी, तीन आईआईएम, एक एम्स और तीन राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (NID) को एंटी-रैगिंग नियमों का पालन न करने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ‘डिफॉल्टर’ सूची में शामिल किया है। यूजीसी ने देशभर के कुल 89 संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 30 दिनों का अल्टीमेटम दिया है।

30 दिन में पालन नहीं किया तो रद्द हो सकती है मान्यता:

यूजीसी ने साफ किया है कि यदि निर्धारित 30 दिनों के भीतर संस्थान एंटी-रैगिंग शपथ पत्र और अनुपालन हलफनामा जमा नहीं करते हैं, तो अनुदान, वित्तीय सहायता, और शोध परियोजनाएं प्रभावित होंगी, और जरूरत पड़ने पर उनकी मान्यता या संबद्धता भी रद्द की जा सकती है।

डिफॉल्टर सूची में शामिल संस्थान:

यूजीसी की डिफॉल्टर सूची में राष्ट्रीय महत्व के 17 संस्थान शामिल हैं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

आईआईटी:

आईआईटी बॉम्बे

आईआईटी खड़गपुर

आईआईटी पलक्कड़

आईआईटी हैदराबाद

आईआईएम:

आईआईएम बॉम्बे

आईआईएम रोहतक

आईआईएम तिरुचिरापल्ली

एम्स:

एम्स रायबरेली

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (NID):

एनआईडी दिल्ली

एनआईडी आंध्र प्रदेश

एनआईडी हरियाणा

UGC विनियमन 2009 का पालन अनिवार्य:

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने बताया कि रैगिंग रोकथाम से संबंधित यूजीसी विनियमन 2009 के तहत प्रत्येक छात्र, उनके माता-पिता और अभिभावकों को प्रवेश के समय और हर शैक्षणिक वर्ष के आरंभ में एंटी-रैगिंग शपथ पत्र जमा करना अनिवार्य है। साथ ही, प्रत्येक संस्थान को भी अनुपालन का हलफनामा देना होता है।

यूजीसी सचिव का बयान:

मनीष जोशी ने कहा, “कई बार सलाह जारी करने, एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन से फॉलो-अप कॉल करने और निगरानी एजेंसियों के हस्तक्षेप के बावजूद कई संस्थानों ने जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। यह गंभीर लापरवाही है और यूजीसी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।”

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