राहुल गांधी नागरिकता विवाद पर घिरी केंद्र सरकार, हाईकोर्ट ने कहा – समय नहीं, जवाब चाहिए

राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने केंद्र सरकार से साफ-साफ जवाब मांगा है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र से कहा कि वह यह स्पष्ट करे कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। इस पर केंद्र को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।
नई दिल्ली/लखनऊ । राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने केंद्र सरकार से साफ-साफ जवाब मांगा है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र से कहा कि वह यह स्पष्ट करे कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। इस पर केंद्र को 10 दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।
यह आदेश जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव प्रथम की पीठ ने दिया। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एक स्टेटस रिपोर्ट भी पेश की गई, लेकिन कोर्ट ने इसे अपर्याप्त मानते हुए कहा कि “हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं।”
केंद्र ने मांगा और समय, कोर्ट ने नहीं दी छूट
केंद्र सरकार ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, लेकिन कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए साफ कर दिया कि अब और विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 5 मई 2025 को होगी।
यह याचिका एस विग्नेश शिशिर द्वारा जनहित याचिका के रूप में दायर की गई है, जिसमें राहुल गांधी की कथित रूप से विदेशी नागरिकता को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
पहले भी मिला था चार सप्ताह का समय
गौरतलब है कि कोर्ट ने इससे पहले केंद्र को चार सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार ने इसके लिए 8 सप्ताह का समय मांगा। तब कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 21 अप्रैल तय की थी।
इससे पहले 19 दिसंबर 2024 को जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय को निर्देश दिया था कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्थिति स्पष्ट करें।